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गरीबी से तंग आकर दंपत्ति ने धर्मशाला में पिया जहर, पति की मौत
बेटे के पास इतने रुपये नहीं कि वह पिता के अंतिम संस्कार के लिये उज्जैन आ सके
महाराष्ट्र के दंपत्ति ने रविवार को गरीबी से तंग आकर महाकाल मंदिर के पास स्थित यादव धर्मशाला में कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया जिसमें पति की मृत्यु हो गई, लेकिन उल्टियां होने के कारण पत्नी की जान बच गई। उसका जिला चिकित्सालय में उपचार चल रहा है।
पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद में रहने वाले मृतक के पुत्र को फोन पर सूचना दी है, लेकिन उसने रुपये नहीं होने के कारण पिता के अंतिम संस्कार के लिये उज्जैन आने से इंकार कर दिया है।
कोटवालपुर औरंगाबाद में रहने वाले विनोद पिता लालचंद्र शर्मा 61 वर्ष और उनकी पत्नी निशा 8 मार्च को यादव धर्मशाला में ठहरे थे। विनोद शर्मा रेडिमेड कपड़े बेचने का काम करते थे। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दोनों ने आत्महत्या की योजना बनाई।
कल दोपहर 3 बजे विनोद शर्मा बाजार से कीटनाशक खरीदकर लाये। होटल के कमरे में विनोद शर्मा और निशा ने कीटनाशक पिया। कुछ देर बाद निशा को उल्टियां होने लगीं जबकि विनोद कीटनाशक पीते ही बेहोश हो गया। होटल कर्मियों द्वारा इसकी सूचना महाकाल पुलिस को दी गई। पुलिस ने विनोद और निशा को जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने परीक्षण के बाद विनोद को मृत घोषित कर दिया। जबकि निशा का उपचार जारी है।
बेटा कपड़े के कारखाने में करता है काम
जिला चिकित्सालय में उपचार करा रहीं निशा शर्मा ने बताया कि उनका बेटा गिरीश पंजाब में कपड़े के कारखाने में काम करता है। उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। बेटे बहू के पास से वह पति के साथ उज्जैन दर्शन करने आ गई थीं।
निशा का कहना है कि गरीबी से तंग आने के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाया था। मामले की जांच कर रहे महाकाल थाने के एसआई पाठक ने बताया कि विनोद शर्मा के पुत्र गिरीश को फोन पर उसके पिता की मृत्यु की खबर दी गई, लेकिन उसने पिता के अंतिम संस्कार के लिये उज्जैन आने से मना कर दिया। गिरीश का कहना था कि मेरे पास उज्जैन आने के लिये किराये के रुपये तक नहीं हैं।